ये ऐसा क्यों हो जाता है
कोई कही दूर हो कर भी
इतने करीब आ जाता है
एक जादू एक आवाज
एक सोच एक एहसास
न बोले वो तो शाम ढलती नज़र आती है
बस उसका एक शब्द भी
सुनहरी धूप सी गर्माहट दे जाती है
दिल को समझाना
इतना मुश्किल क्यों हो जाता है
कोई दूर होकर भी
इतने करीब क्यों आ जाता है
चाँद राते गुजारी है
तो समझ आता है
उसकी आवाज़ का नशा
इतना गहरा कैसे हो जाता है
एक आवाज़ मुझसे मुझे चुरा ले जाती है
एक एहसास मुझे नए ख्वाब दिखाती है
तुम सिर्फ दस्तक भी दे दो
तो कलम खुद चलने लग जाती है
जो मुड़ कर भी न देखो तो
जिंदगी बेरंग बदगुमान नज़र आती है
कुछ बहते आँसुओं ने
वो पहली सी मोहब्बत कर ली है
नहीं जानती वो पूरी होगी या नहीं
नहीं जानती वो मिलेगी या नहीं
पर मोहब्बत है जनाब
बदले में तुमसे तुम को नहीं
बस उस एहसास को
फिर मांगने की जिद्द करती है
फिर उसी हसीं को ढूंढ़ती है
फिर उसी उम्मीद को ढूंढ़ती है
क्यूंकि कोई दूर होकर भी
इतने करीब क्यों आ जाता है
ये चाह कर भी समझ नहीं आता है
अजी! ये इश्क़ है जनाब
सोच समझ के किजिएगा भी क्या
बस उस सोच को
उस आवाज़ को
कानों में गूंजने दो
आँखों में सिमटने दो
दिल की धड़कन बनने दो
बस बिना किसी चाह के
पलों को यादों को
दिल में घर कर लेने दो
क्यूंकि कोई दूर होकर भी
इतने करीब क्यों आ जाता है
ये चाह कर भी समझ नहीं आता है
Thoughts that travel in air, musings that flow like water, love that is in the air, feelings that rise like fire, love that’s spread in the sky, all are captured here in my poems.
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With this, “I am taking my blog to the next level with Blogchatter’s My Friend Alexa”
However, these are my random musing, my poetry love under the flowing Water category. In addition, to read more of my poems click here. Try and live in harmony with nature for a better and healthier tomorrow.
Read my first post of the 2020 Alexa season We will hold it together in this poetic series.
Poems are moods and I had recited this mood in the poem below
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