Tabhi to wo pita kehlata hai

वो कमाता है, वो निभाता है

बिना बोले भी वो सब जान जाता है

वो सुनता है, वो देखता है

बिना कहे भी वो सब समझ जाता है

कभी उसकी जगह खड़े होकर तो देखो

जितनी दिखती है उतनी जिंदगी उसकी भी आसान नहीं

सारी कमाई घर पर लुटा कर भी

कभी कभी कुछ कम रह जाता है |

जो मांगो वो देकर भी

कुछ देना भूल ही जाता है |

सब कर के भी आपने किया ही क्या

ये सुन ने को शायद बाकी रह जाता है |

बच्चे घर से दूर उड़ जाते है पर न जाने क्यों

फ़ोन पर उससे बोलना भूल जाते है |

साड़ी सूट जीन्स की भीड़ में

उसका शर्ट कही कोने में ही टंगा रह जाता है |

सबको शॉपिंग करवा कर भी

खुद का रुमाल लेना भूल जाता है |

अर्धांगिनी को सोने के कंगन देकर

खुद सोना भी भूल जाता है

एक छुपे हुए मास्क के पीछे

अपने अस्तित्व को निभाता है

तभी तो वो पिता कहलाता है

6 responses to “Tabhi to wo pita kehlata hai”

  1. Ramandeep Kaur avatar
    1. PraGun avatar
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  3. Sonia Dogra avatar
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