Durga Maa

  • नवरात्रि का नौवां दिन : माँ सिद्धिदात्री का महत्व

    नवरात्रि का नौवां दिन : माँ सिद्धिदात्री का महत्व

    नवरात्रि का नौवां दिन : माँ सिद्धिदात्री का महत्व नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। माँ सिद्धिदात्री, माँ दुर्गा का अंतिम स्वरूप हैं, और वे भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ (अलौकिक शक्तियाँ) प्रदान करती हैं। ‘सिद्धि’ का अर्थ है विशेष उपलब्धियाँ और…

  • नवरात्रि का आठवां दिन: माँ महागौरी का महत्व

    नवरात्रि का आठवां दिन: माँ महागौरी का महत्व

    नवरात्रि का आठवां दिन: माँ महागौरी का महत्व नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है। माँ महागौरी को शांति, पवित्रता, और करुणा का प्रतीक माना जाता है। उनका यह स्वरूप अत्यंत सौम्य और शांत है, और वे भक्तों को सुख, शांति, और सभी प्रकार के पापों…

  • नवरात्रि का सातवां दिन : माँ कालरात्रि का महत्व

    नवरात्रि का सातवां दिन : माँ कालरात्रि का महत्व

    नवरात्रि का सातवां दिन : माँ कालरात्रि का महत्व नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है। माँ कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत उग्र और शक्तिशाली है, जो दुष्टों और अज्ञानता का नाश करती हैं। उन्हें काल या समय की रात्रि के रूप में जाना जाता है, और…

  • नवरात्रि का छठा दिन : माँ कात्यायनी का महत्व

    नवरात्रि का छठा दिन : माँ कात्यायनी का महत्व

    नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। माँ कात्यायनी को शक्ति और वीरता की देवी माना जाता है। उनके इस स्वरूप में उन्हें युद्ध और साहस की देवी कहा जाता है, जो दुष्टों का संहार करती हैं और धर्म की रक्षा करती हैं। उनका नाम महर्षि…

  • नवरात्रि का पांचवा दिन: माँ स्कंदमाता का महत्व

    नवरात्रि का पांचवा दिन: माँ स्कंदमाता का महत्व

    नवरात्रि का पांचवा दिन: माँ स्कंदमाता का महत्व नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है। माँ स्कंदमाता, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं, इसलिए उन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। स्कंदमाता को प्रेम, मातृत्व, और शांति का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा से…

  • नवरात्रि का चौथा दिन: माँ कूष्माण्डा का महत्व

    नवरात्रि का चौथा दिन: माँ कूष्माण्डा का महत्व

    नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्माण्डा की पूजा का विधान होता है। माँ कूष्माण्डा को सृष्टि की रचयिता और ब्रह्मांड की उत्पत्तिकर्ता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था और हर जगह अंधकार फैला हुआ था, तब देवी कूष्माण्डा ने अपनी हल्की मुस्कान…

  • नवरात्रि का तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा की पूजा और महत्व

    नवरात्रि का तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा की पूजा और महत्व

    नवरात्रि का तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा की पूजा और महत्व नवरात्रि के तीसरे दिन माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। माँ चंद्रघंटा का यह स्वरूप शक्ति, साहस और वीरता का प्रतीक है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र की आकृति में घंटे का आकार होता है,…

  • नवरात्रि का दूसरा दिन : माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा

    नवरात्रि का दूसरा दिन : माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा

    नवरात्रि का दूसरा दिन : माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन माँ दुर्गा के दूसरे स्वरूप माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन साधक उनके इस रूप की आराधना करते हैं जो कठोर तपस्या और आत्मनियंत्रण का प्रतीक है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है ‘तप का आचरण…

  • नवरात्रि का प्रथम दिन : माँ शैलपुत्री की पूजा

    नवरात्रि का प्रथम दिन : माँ शैलपुत्री की पूजा

    नवरात्रि का प्रथम दिन : माँ शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है। शैलपुत्री को हिमालय की पुत्री माना जाता है, और यह…