खिली खिली फलाहारी साबूदाना खिचड़ी

साबूदाना ये व्रत मे सबसे ज्यादा खाया और पसंद किया जाता है। इसमें स्टार्च की मात्रा होती है, जो आपका पेट लंबे समय तक भरा रखती है। बनाने मे आसान और पेट भरने के लिए सबसे बढ़िया है साबूदाना। आप इसे पोहे की तरह खिला खिला भी बना सकते, जिसे साबूदाना खिचड़ी कहा जाता या फिर साबूदाना के वड़े भी बना सकते।

फाइबर से भरपूर साबूदाना खिचड़ी स्वाद में भी लाजवाब होती है और इसे खाने के बाद लंबे वक्त तक भूख का अहसास नहीं होता है. ज्यादातर घरों में साबूदाना खिचड़ी को ही फलाहार के तौर पर बनाया जाता है, क्योंकि ये न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसे बनाना भी आसान होता है.

साबूदाना खिचड़ी की सामग्री

  • 2 कप साबूदाना (दो लोगों के लिए )
  • 2 टेबल स्पून घी/ Clarified Butter
  • 1 टी स्पून जीरा/ Jeera
  • 2-3 हरी मिर्ची, छोटे टुकड़े
  • 1/2 कप मूंगफली (हल्की भुनी हुई और कुटी हुई) इसे हल्का सा दरदरा पीस ले
  • 1 उबला आलू/ कच्चा आलू भी ले सकते बस थोड़ा ज्यादा भून ले
  • 2 टी स्पून सेंधा नमक
  • 1 टी स्पून मिर्च पाउडर
  • 2 टेबल स्पून हरा धनिया
  • 1 टेबल स्पून नींबू का रस

साबूदाना बनाने के लिए सबसे जरूरी है आपके साबूदाना का अच्छे से भीगा हुया होना।

पानी की मात्रा ना कम, ना ज्यादा बस वही एक राज़ है जो आपको सीखना होगा।

साबूदाने की खिचड़ी बनाने के लिए उसे कुछ घंटे पानी में भिगोकर रखना पड़ता है।

वो कितना अच्छे से भीगा है यही आपकी खिचड़ी को खिला खिला बनाएगा।

साबूदाना में स्टार्च की मात्रा अधिक होने के कारण , उचित तैयारी और खाना पकाने की तकनीक की आवश्यकता होती है। 

1 कप साबूदाना को भिगोने के लिए 1 कप पानी पर्याप्त है. मतलब साबूदाना में पानी की मात्रा इसकी सतह के बराबर तक रहे. छोटे साइज के साबूदाने को 30 मिनट तक पानी में भिगोएं. इसके बाद इसका पानी निकालकर 2-3 घंटे रखने के बाद ही इस्तेमाल करें.

साबूदाना खिचड़ी बनाने की वि​धि

1. साबूदाना को पानी से साफ करके पानी में एक दो घंटे के लिए भिगोकर रख दें। ध्यान रहे पानी साबूदाना से तीन सेंटीमिटर ऊपर होना चाहिए। आधे घंटे मे ही साबूदाना सारा पानी पी लेगा।

2. दाने को हल्का दबा के देख ले, वो एक दम नरम होना ही उसकी निशानी है की वो फूल चुका है। अगर कसर बाकी हो तो पानी का हल्का छींटा देकर थोड़ी देर और रख दे। परंतु अगर आपको लगे की पानी ज्यादा है तो छलनी से छान ले और एक मोटे कपड़े पर एक घंटे के लिए फैलाकर छोड़ दें। साबूदाना से पानी पूरी तरह निकल जाना चाहिए, वरना बनाते समय साबूदाना चिपकने लगेगा।

3. एक कढ़ाई मे घी गरम कर लें। उसमे जीरा और हरी मिर्ची का तड़का लगाए। मिर्ची भून जाए यानि हल्के गाढ़े रंग की हो जाए, तो उसमे आलू डाल ले और हल्का हल्का भूरा होने तक भून ले।

4. अब साबूदाना, मूंगफली, नमक और मिर्च पाउडर को एक साथ मिलाएं। और इसे भी आलू के साथ डाल दे। हल्की आंच पर पकाएं। अब इसमे मूंगफली का चुरा, नामक डाल के अच्छे से मिला ले। यहा आप 1/2 चम्मच चीनी भी डाल सकते है। ये सारे स्वादों को अच्छे से संतुलित करता है।

5. थोड़ी देर पका लेने के बाद इसे थोड़ा सा ढँक दे। ये भाप साबूदाने मे अच्छा स्वाद लाती है।

6. ऊपर से नींबू का रस डालकर मिलाएं। गार्निशिंग के लिए हरा धनिया और हरी मिर्च का इस्तेमाल करें। सर्व करें।

Tips – साबूदाना को रात भर भिगोएँ और हमेशा एक से एक 1:1 साबूदाना और पानी का अनुपात इस्तेमाल करें । कुचली हुई मूंगफली वास्तव में चिपचिपाहट को कम करने और बहुत अधिक स्वाद जोड़ने में मदद करती है। 

Prachi The Tatwa Girl

Food Tatwa is all about the food element. Sharing my culinary journey, and kitchen experiments that are related to the Agni/ Fire category on my blog. Don’t forget to hug a tree and learn more about the Trees around you on Tree Talks.

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